सुलेख अर्थात सुंदर लेख , सुंदरता और रेखा पर ज़ोर देने के साथ हाथ से लिखने की कला| सुलेख हमारे आंतरिक विचारों के प्रतिबिम्ब होते हैं । लिखने का अर्थ केवल इतना ही नहीं कि बच्चे अक्षरों , शब्दों अथवा वाक्यों को लिखने लगें ,अपितु यह भी आवश्यक होता है कि वे सुंदर और सुडौल अक्षरों की रचना करें और उचित गति से लिखें । बच्चों में लेखन कला का विकास करने के लिए दिल्ली पब्लिक स्कूल मोदीनगर में कक्षा 3 से कक्षा 5 तक के विद्यार्थियों की सुलेख प्रतियोगिता कराई गई । जिसमें विद्यार्थियों ने पूरे उत्साह के साथ भाग लिया और सभी छात्रों ने प्रतियोगिता में अच्छा प्रदर्शन किया ।