Hindi Diwas
हिंदी : भावों की भाषा
"हिंदी मात्र भाषा नहीं है,देश का गौरव और सम्मान , इसी से राष्ट्र में एकता और सद्भाव गतिमान है ।"
हिंदी भारत की एकता का प्रतीक है, और हिंदी दिवस हमारे देश में भाषा के महत्व को मनाने का एक अद्भुत अवसर प्रदान करता है। यह दिन 14 सितंबर को मनाया जाता है, क्योंकि इस दिन संविधान सभा ने हिंदी को भारत की राजभाषा के रूप में स्वीकार किया था।विद्यालय में हिंदी के अस्तित्व की गाथा अध्यापिका नीलम शर्मा जी के द्वारा गीत के माध्यम से बताई गई । वास्तव में हिंदी केवल भाषा नहीं बल्कि हमारे देश की संस्कृति का प्रतिबिंब है।
कक्षा 2 के विद्यार्थियों ने भी एक कविता के मंचन के द्वारा लय, ताल और भावों की अभिव्यक्ति की ।
यदि समाज में किसी समस्या पर वाद विवाद हो,या फिर जागरूकता की बात हो तब भी संपर्क भाषा हिंदी ही रहती हैं ।कक्षा 7 के विद्यार्थियों द्वारा एक नुक्कड़ नाटक प्रस्तुत किया गया जिसका संदेश था हिंदी बोलना शर्म की बात नहीं बल्कि मर्म की बात है ।
यह कक्षा 6 की छात्राओं के द्वारा रिश्तो की नोक- झोंक को हास्य लघु नाटिका के संवादों के माध्यम से प्रस्तुत किया गया ।
हिंदी, एक सुंदर भाषा है जिसमें गीत, कविता, कहानियाँ और विचार व्यक्त किए जाते हैं। यह हमारे सांस्कृतिक धरोहर का हिस्सा है और दुनिया भर में लोग इसके शानदार सौन्दर्य को पसंद करते हैं।भारतीय संस्कृति में रिश्ते -नाते, सगे -संबंधी आदि के लिए भी हिन्दी संवादों की भाषा है ।
हिंदी न केवल भाषा है, बल्कि यह हमारी भावनाओं, सोच की गहराइयों और संविधानिक व्यवस्थाओं का प्रतीक है। इसलिए, हमें इसे सुरक्षित रखने और बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध रहना चाहिए।